हरिद्वार, बहादराबाद ब्लॉक के सिडकुल हाईवे से सुमननगर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर पथरी पावर हाउस के पास बनी पुलिया अब राहगीरों के लिए ‘मौत का जाल’ बन चुकी है। सड़क पर गड्ढों की भरमार है, जो स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि संबंधित विभाग और जनप्रतिनिधि इस समस्या को लेकर ‘गहरी नींद’ में सोए हुए हैं, और सड़क की मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
गड्ढों का ‘जंगल राज’, मरम्मत का ‘मलबा ड्रामा’ :-
पथरी पावर हाउस के पास की यह सड़क कभी क्षेत्र की जीवनरेखा हुआ करती थी, लेकिन अब गड्ढों की वजह से यह ‘खतरों की सैर’ बन चुकी है। बरसात के मौसम में हालात और बदतर हो जाते हैं। स्थानीय निवासी सचिन गुस्से में कहते हैं, “विभाग कभी-कभी मलबा डालकर मरम्मत का दिखावा करता है, लेकिन बरसात आते ही मलबा बह जाता है और गड्ढे फिर से मुंह बाए खड़े हो जाते हैं।
राहगीरों की जान पर बन आई :-
इस सड़क से रोजाना सैकड़ों लोग और वाहन गुजरते हैं, जिनमें सिडकुल की फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारी, स्थानीय निवासी और स्कूली बच्चे शामिल हैं। गड्ढों की वजह से आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। पिछले हफ्ते ही एक मोटरसाइकिल सवार गड्ढे में फंसकर गिर गया, जिसे गंभीर चोटें आईं। स्थानीय दुकानदार सावेज ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “अगर समय रहते इन गड्ढों को ठीक नहीं किया गया, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।”
जनप्रतिनिधियों की ‘चुनावी नींद’ :-
स्थानीय लोगों का गुस्सा सिर्फ विभाग तक सीमित नहीं है। जनप्रतिनिधियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। निवासियों का आरोप है कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करने वाले नेता अब इस सड़क की सुध लेने को तैयार नहीं। एक स्थानीय निवासी, दिलनवाज, ने तंज कसते हुए कहा, “शायद हमारे जनप्रतिनिधि अगले चुनाव तक सो रहे हैं। तब तक हमें इन गड्ढों में ही अपनी जान जोखिम में डालकर चलना होगा।”
क्या है समाधान ? :-
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सड़क की स्थायी मरम्मत की जाए और गड्ढों को भरने के लिए टिकाऊ सामग्री का इस्तेमाल हो। इसके साथ ही, सड़क पर नियमित निरीक्षण और रखरखाव की व्यवस्था हो, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न आए।
जागो सरकार जागो!’ :-
यह सड़क न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि सिडकुल जैसे औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों और व्यवसायियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। अगर समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की गई, तो यह गड्ढे किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस ‘मौत के जाल’ को खत्म करने के लिए जागेंगे, या फिर यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए और दुखों का सबब बनेगी?




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