हरिद्वार: ग्राम पंचायत गढ़ में मनरेगा योजना के तहत गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी से खुलासा हुआ कि ग्राम प्रधान जावेद हसन, ग्राम विकास अधिकारी रविंद्र सैनी, सहायक स्वरोजगार शादाब अली और ग्राम सेवक ने आपस में मिलीभगत कर सरकारी धन का गबन किया।
RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक हुसैना पुत्र मजीद, जिनकी मृत्यु 20 अप्रैल 2022 को हो चुकी थी, के नाम पर वर्ष 2023-24 में मस्टरोल में फर्जी हाजरी दर्शाकर 9,660 रुपये का गबन किया गया। हाजरी रजिस्टर में मृतक के नाम पर कहीं हसनैन तो कहीं हसनैना के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा, हुसैना की नाबालिग बेटी (जन्म तिथि 05.02.2007) के जॉब कार्ड पर वर्ष 2024-25 में 19,671 रुपये का गबन किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता ने इस घोटाले की शिकायत 04 अप्रैल 2025 को दर्ज की, जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए। शिकायत में आरोप लगाया गया कि ग्राम प्रधान और अधिकारियों ने मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया और सरकारी धन को निजी इस्तेमाल में लाया।
यह मामला ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। स्थानीय निवासियों ने इस घोटाले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जांच के परिणाम और आगे की कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।



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