हरिद्वार : जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में प्री-कॉन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम 1994 के अंतर्गत गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में जनपद के अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर नियमों के पालन और साफ-सफाई को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए।
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| मयूर दीक्षित - जिलाधिकारी, हरिद्वार |
जिलाधिकारी ने सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने और अधिनियम का उल्लंघन करने वाले केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन केंद्रों में अधिकृत चिकित्सकों द्वारा अल्ट्रासाउंड नहीं किया जा रहा, उनके खिलाफ भी त्वरित कार्रवाई की जाए। साथ ही, सभी केंद्रों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा गया।
बैठक में भ्रूण लिंग जांच की आशंका वाले केंद्रों पर मुखबिर योजना के तहत डिकॉय ऑपरेशन चलाने और विधिक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। जिलाधिकारी ने अल्ट्रासाउंड की दरों में एकरूपता लाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के साथ बैठक कर उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। यह कदम समिति की सदस्य राकेश चंद्रा द्वारा केंद्रों में अनुचित वसूली की शिकायत के बाद उठाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि जनपद में 103 अल्ट्रासाउंड केंद्र पंजीकृत हैं, जिनमें 158 मशीनें कार्यरत हैं। इन केंद्रों का नियमित औचक निरीक्षण किया जाता है। बैठक में 8 नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण आवेदनों में से 5 को मंजूरी दी गई, जबकि एक केंद्र का नवीनीकरण किया गया।
बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक तोमर, डॉ. अनिल वर्मा, डॉ. यशपाल तोमर, जिला समन्वयक रवि संदल, विधिक सलाहकार फिरोज अंसारी, समाजसेवी दीपेश चंद्र प्रसाद, कनिका शर्मा, मनु शिवपुरी और राकेश चंद्रा सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।




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