उत्तराखंड में दर्दनाक हेलिकॉप्टर हादसा: केदारनाथ के पास 7 की मौत, 2 साल की बच्ची भी शामिल, AAIB करेगी हादसे की जांच

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार (15 जून 2025) को सुबह एक भीषण हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में महाराष्ट्र के यवतमाल के एक दंपती और उनकी दो वर्षीय बेटी भी शामिल हैं। आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का यह हेलिकॉप्टर श्री केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा था, जब सुबह करीब 5:30 बजे गौरीकुंड से 5 किमी ऊपर गौरी माई खर्क के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई, जिससे सभी सवारियों की जान चली गई।

हादसे में मृतकों की पहचान :-

रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार के अनुसार, मृतकों में पांच तीर्थयात्री, पायलट कैप्टन राजवीर सिंह चौहान और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का एक कर्मचारी शामिल हैं। मृतकों के नाम इस प्रकार हैं: 

विक्रम (46), रांसी, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग 

विनोद देवी (66), बिजनौर, उत्तर प्रदेश 

तुस्ती सिंह (19), बिजनौर, उत्तर प्रदेश 

राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), यवतमाल, महाराष्ट्र 

शारदा राजकुमार जायसवाल (35), यवतमाल, महाराष्ट्र 

काशी (23 महीने), यवतमाल, महाराष्ट्र 

कैप्टन राजवीर सिंह चौहान, जयपुर, राजस्थान

पायलट का अनुभव और हादसे का कारण :-

पायलट कैप्टन राजवीर सिंह चौहान ने भारतीय सेना में 15 साल से अधिक समय तक सेवा दी थी और विभिन्न इलाकों में उड़ान मिशनों का व्यापक अनुभव रखते थे। वह अक्टूबर 2024 से आर्यन एविएशन के साथ बेल 407 हेलिकॉप्टर के कप्तान के रूप में कार्यरत थे। प्रारंभिक जांच में खराब मौसम और शून्य दृश्यता को हादसे का कारण बताया गया है। 

बचाव कार्य और जांच :-

हादसे के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत बचाव कार्य में जुट गईं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) इस हादसे की गहन जांच करेगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे और आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन शामिल हुए। 

सीएम धामी के निर्देश :-

मुख्यमंत्री ने हेली सेवाओं के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के आदेश दिए, जिसमें हेलिकॉप्टर की तकनीकी जांच और मौसम की स्थिति का आकलन अनिवार्य होगा। उन्होंने तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्देश दिया, जो हेली संचालन के सुरक्षा मानकों की समीक्षा करेगी। साथ ही, पूर्व में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं और इस हादसे की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति को जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया। 

नेताओं ने जताया शोक :-

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा, "केदारनाथ-गौरीकुंड-गुप्तकाशी क्षेत्र में हुई इस त्रासदी से मैं व्यथित हूं। मेरी प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं।" पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर ने बताया कि मृतक दंपती राजकुमार और शारदा जायसवाल अपनी बेटी काशी के साथ 12 जून को यवतमाल से केदारनाथ दर्शन के लिए निकले थे। 

हेली सेवाएं निलंबित :-

हादसे के बाद अगले आदेश तक उत्तराखंड में सभी हेलिकॉप्टर सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। यह हादसा हाल के दिनों में दूसरी बड़ी विमानन त्रासदी है, इससे पहले अहमदाबाद में एअर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। 

परिवारों में शोक की लहर :-

यवतमाल के जायसवाल परिवार के निधन से उनके गृहनगर में शोक की लहर है। परिवार के दोस्तों ने बताया कि राजकुमार एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी थे और अपनी पत्नी व बेटी के साथ यह तीर्थयात्रा उनके लिए खास थी। 

यह हादसा उत्तराखंड में हेली सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, और जांच के नतीजे भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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